BJP Jan Utthan Rally
BREAKING

Editorial: भाजपा की जन उत्थान रैली से प्रदेश में बजा चुनावी बिगुल

Edit10

BJP Jan Utthan Rally

BJP Jan Utthan Rally हरियाणा के गोहाना में भाजपा की जन उत्थान रैली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बेशक नहीं पहुंच पाए लेकिन अपने सीमित संबोधन में ही उन्होंने प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंक दिया है। अमित शाह हरियाणा पर तेज नजर रखते हैं, बीते विधानसभा चुनाव में 75 पार का लक्ष्य देने वाले शाह इस बार भी प्रदेश भाजपा को ऊर्जावान करने में जुटे हैं।

जन उत्थान रैली के लिए प्रदेश भाजपा ने पूरा जोर लगा दिया था, हालांकि मौसम की गड़बड़ी की वजह से कुछ परेशानियां आई होंगी, इसी वजह से शाह का रैली में पहुंचने का कार्यक्रम भी स्थगित हुआ। बावजूद इसके भाजपा ने इस वर्ष की अपनी पहली चुनावी रैली के जरिए विपक्ष के सामने चुनौती पेश कर दी है। बीते दिनों राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा Rahul Gandhi India Jodo tour के दौरान प्रदेश कांग्रेस ने जीटी रोड बेल्ट को आंदोलित कर दिया था। इस यात्रा के जरिए कांग्रेस पूरे हरियाणा में अपने पक्ष में हवा चलाने में कामयाब रही थी। हालांकि अब कांग्रेस जनसमुदाय से जुडऩे के लिए एक और अभियान चला चुकी है।

 हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल Chief Minister Manohar Lal अपनी सरकार का दूसरा कार्यकाल पूरा करने जा रहे हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव के समय में भाजपा को इसकी उम्मीद थी कि वह पूर्ण बहुमत के साथ पुन: सत्ता में लौटेगी। हालांकि वह सत्ता में लौटी लेकिन नवोदित जजपा के साथ। इनेलो से अलग होकर अपना राजनीतिक वजूद कायम करने वाले पूर्व सांसद अजय चौटाला के बेटे दुष्यंत चौटाला ने पहली बार में ही 10 सीटें जीत कर कीर्तिमान स्थापित कर दिया था। अब दोनों राजनीतिक दलों के बीच यह गठबंधन सहजता से जारी है, हालांकि बीच-बीच में भाजपा के अलग होकर चुनाव लडऩे की चर्चा शुरू हो जाती है।

जन उत्थान रैली को गोहाना में आयोजित करने का मकसद साफ था, पार्टी इस क्षेत्र के जाट मतदाताओं को संदेश देना चाहती थी। हालांकि रैली में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी अपना संबोधन दिया लेकिन उन्होंने कोई घोषणा नहीं की। इसकी राजनीतिक वजह हो सकती है, क्योंकि शाह रैली में नहीं पहुंच पाए और चुनावों की उल्टी गिनती शुरू होने में अभी समय है। बावजूद इसके इस रैली में मोबाइल फोन के जरिए ही शाह ने प्रदेश सरकार के कामकाज और उसकी उपलब्धियों पर मुहर लगाई है।

भाजपा ने 2014 का विधानसभा चुनाव क्षेत्रवाद खत्म करने का ऐलान करते हुए लड़ा था। प्रदेश की जनता अच्छे से जानती है कि एक समय हरियाणा चार हिस्सों में बंटा हुआ था। जिस भी इलाके का मुख्यमंत्री बना, उन्होंने सिर्फ अपने इलाके की परवाह की। हालांकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार ने प्रदेश के सभी क्षेत्रों का समान विकास सुनिश्चित कराया है। मुख्यमंत्री ने एक साथ पूरे प्रदेश के विभिन्न जिलों के लिए विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उनका उद्घाटन करते हैं। इससे पहले ऐसा होता नहीं देखा गया है।

प्रदेश में  जातिवाद की राजनीति सदैव से रही है और आगामी समय में इसका प्रभाव खत्म होने की संभावना नहीं है। भाजपा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के रूप में एक गैर जाट नेता को आगे बढ़ाया, यह समाज की दूसरी जातियों को रास आ रहा है। प्रदेश में इस समय सामाजिक संतुलन देखने को मिल रहा है। इस समय अमित शाह अगर यह कह रहे हैं कि प्रदेश से जातिवाद समाप्त हुआ है तो यह राजनीतिक जातिवाद पर चोट की बात है। एक समय प्रदेश की राजनीति में जाट समाज का ही वर्चस्व देखने को मिल रहा था, लेकिन बीते आठ वर्षों में यह व्यवस्था बदल चुकी है।

 मुख्यमंत्री मनोहर लाल Chief Minister Manohar Lal ने इस रैली में दावा किया है कि प्रदेश सरकार ने जन कल्याण के सभी संकल्पों को पूरा किया है। उनका यह भी कहना है कि पहले की सरकारों में समाज के निम्न स्तर के लोगों तक लाभ पहुंचाने के लिए सिर्फ नारे लगते थे, वहीं मौजूदा सरकार के कार्यकाल में कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सबसे पहले पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति को भी पहुंचाया जा रहा है। बेशक, राज्य सरकार की अनेक योजनाएं हैं, जिनकी वजह से अब जीवन ज्यादा सुगम नजर आ रहा है।

हालांकि परिवार पहचान पत्र के जरिए अनेक जरूरतमंदों को मिल रही सुविधाएं खत्म हुई हैं। विवाद के बाद सरकार ने इस पर ध्यान दिया है लेकिन जरूरत है कि ऐसी योजनाओं के जरिए कल्याण का महज दावा न हो, अपितु वास्तव में ही इनका फायदा जन-जन को मिले। प्रदेश सरकार ने अगर इसका विश्वास जनता में कायम कर लिया तो यह राजनीतिक रूप से उसके लिए हितकारी होगा। वैसे, इस रैली ने प्रदेश में राजनीतिक समीकरणों को तेज कर दिया है और आगामी दिनों में राजनीति का ज्वार प्रदेश की जनता देखेगी। 

ये भी पढ़ें ....   

Editorial: श्रीनगर में फहराया तिरंगा, भारत जोड़ो यात्रा हुई सफ

ये भी पढ़ें ....   

Editorial: विवादित डॉक्यूमेंट्री से शिक्षण संस्थानों में तनाव क्यों, युवा न हों गुमराह